राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक लाख करोड़ रुपए की तत्काल मदद का अनुरोध किया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री गहलोत ने आवश्यक वस्तुओं, दवाओं और चिकित्सा सामनों की निर्बाध आपूर्ति करने के लिए एक इंटर स्टेट सप्लाइ चेन प्रोटोकॉल लागू करने का आग्रह किया है। पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बयान में कहा कि केंद्र द्वारा राज्यों की मदद बहुत जरूरी है ताकि बेसहारा लोगों, गरीबों और अन्य जरूरतमंदों को राहत मिल सके।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान मंदी के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। कोविद -19 के प्रकोप के कारण लॉकडाउन राज्य के वित्त पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। राजस्व अर्जित करने के लिए सभी गतिविधियां बंद हैं और राज्य का संग्रह लक्ष्य से बहुत नीचे है। राज्य सरकार गरीबों को लॉकडाउन की अवधि के दौरान वित्तीय पैकेज प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केंद्र को तुरंत राहत पैकेज देना चाहिए और जीएसडीपी के 2 फीसदी तक लोन की हमारी सीमा बढ़ानी चाहिए।
गहलोत ने कहा कि सभी राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट और वेटिंलेटर खरीद रही है। राज्य से अलग होने की वजह से इनके कीमतों पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के माध्यम से इन खरीद का समन्वय करना चाहिए ताकि ये सभी राज्यों को अच्छी कीमत और समय पर उपलब्ध हों सके।
मुख्यमंत्री गहलोत ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एनआरईजीएस) के तहत पंजीकृत और सक्रिय श्रमिकों को अग्रिम भुगतान देने के लिए केद्र से अनुरोध किए। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही है और कोविड-19 से लड़ने के लिए 24 घंटे काम कर रही है। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर वॉर रूम बनाए गए हैं। स्थिति से संबंधित निरंतर निगरानी और तेजी से निर्णय लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक कोर ग्रुप बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हम एक लाख आइसोलेशन बेड तैयार कर रहे हैं। हम स्वाइन फ्लू के प्रकोप से बचने के लिए जांच के नए तरीके और अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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