केंद्र सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) शुरू की है. इसके तहत लोगों को अपना उद्यम (कारोबार) शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है. यह योजना अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी. क्या है मुद्रा योजना का मकसद? केंद्र सरकार की मुद्रा योजना के दो उद्देश्य हैं. पहला, स्वरोजगार के लिए आसानी से लोन देना. दूसरा, छोटे उद्यमों के जरिए रोजगार का सृजन करना. अगर आप भी अपना कारोबार शुरू करने के लिए पूंजी की समस्या का सामना कर रहे हैं तो केंद्र सरकार की इस पहल से आप अपने सपने को साकार कर सकते हैं.
सरकार की सोच यह है कि आसानी से लोन मिलने पर बड़े पैमाने पर लोग स्वरोजगार के लिए प्रेरित होंगे. इससे बड़ी संख्या में रोजगार के मौके भी बनेंगे. मुद्रा योजना से पहले तक छोटे उद्यम के लिए बैंक से लोन लेने में काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं. लोन लेने के लिए गारंटी भी देनी पड़ती थी. इस वजह से कई लोग उद्यम तो शुरू करना चाहते थे, लेकिन बैंक से लोन लेने से कतराते थे.
महिलाओं पर फोकसप्रधानमंत्री मुद्रा योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) है. मुद्रा योजना की खास बात यह है कि इसके तहत लोन लेने वाले चार लोगों में से तीन महिलाएं हैं.
इस योजना के लिए बनाई गयी वेबसाइट के मुताबिक 23 मार्च 2018 तक मुद्रा योजना के तहत 228144 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किये जा चुके हैं. सरकार ने मुद्रा योजना के तहत इस साल 23 मार्च तक 220596 करोड़ रुपये के लोन बांटे हैं
क्या हैं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभ? मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है. इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है. मुद्रा योजना में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है. लोन लेने वाले को एक मुद्रा कार्ड मिलता है, जिसकी मदद से कारोबारी जरूरत पर आने वाला खर्च किया जा सकता है.